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Friday, July 27, 2012

कर के देखना

लम्हा लम्हा किसी का इंतज़ार कर के देखना
कभी आप भी किसी से प्यार कर के देखना 


आप उनके दिल होंगे... जान होंगे... जहान होंगे
खुद को उनके लिए बेकरार कर के देखना 


अगर अजमाना हो अपनी मोहब्बत 
उन्हें भूलने का नाटक एक बार कर के देखना 


टूट जाते हैं खून के रिश्ते भी
गलतियाँ कभी दो चार कर के देखना


© कृष सुधांशु

1 comment:

  1. bikhre rishte v fir jud jaayenge ,kosish ek baar kr k dekhna, faasle bhi mita na ske pyaar ,itnaar pyaar kr k dekhna..............majboor ho jaayenge lautne badhte kadam ,shiddat se ek baar pukaar k to dekhna :deeps

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