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Saturday, January 26, 2013

मेरी रफ़्तार पे सूरज की किरण नाज़ करे



मेरी रफ़्तार पे सूरज की किरण नाज़ करे
ऐसी परवाज़ दे मालिक के गगन नाज़ करे
वो नज़र दें की करू कद्र हर एक मज़हब की
वो मोहब्बत दे मुझे अमनो अमन नाज़ करे

मेरी खुशबू से महक जाये ये दुनिया मालिक
मुझको वो फूल बना सारा चमन नाज़ करे
इल्म कुछ ऐसा दे, मैं काम सभी के आऊ
हौसला ऐसा ही दे गंग जमन  नाज़ करे

आधे रस्ते पे ना रुक जायें मुसाफिर के कदम
शौक मंजिल का हो इतना की थकन नाज़ करे  
दीप से दीप जलाएं की चमक उठे बिहार
ऐसी खूबी दे ऐ मालिक की वतन नाज़ करे

जय बिहार जय बिहार
जय जय जय... जय बिहार



स्वर : उदित नारायण
संगीतकार  : शिव हरी
गीतकार  : एम आर चिश्ती 

Thursday, January 24, 2013

मैं और मेरी फसबूक

मेरे बहुत सारे दोस्त बोलते हैं की मैं फेसबुक पर हर रोज बहुत कुछ जोडता रहता हूँ l
मैं फेसबुक को एक डायरी की तरह लिख रहा हूँ... 
अपनी और अपनों से जुडी तस्वीरे और खट्टे मीठे अनुभव संजो कर रख रहा हूँ।
मेरा तो बस यही जवाब है फेसबुक को एक कैनवास की तरह इस्तेमाल करता हूँ...
बहुत सारी बातें और यादें है सब से साझा करना मुश्किल है 
कोशिश है अपने आप से रोजाना कुछ बात हो जाया करे, 
बाद मैं यादें भी यादगार सी ही लगेंगी .. 
बेतरतीब सी कई सौ ख्वाहिशे है ...वाजिब -गैरवाजिब कई सौ सवाल है....
एक आध कन्फेशन भी है ...सबको यहां जमा कर रहा हूं...
ताकि गुजरे वक़्त में " खुद की पहचान " करने में सहूलियत रहे
कृष सुधांशु

जिंदगी...और बता तेरा इरादा क्या है ?