मेरे बहुत सारे दोस्त बोलते हैं की मैं फेसबुक पर हर रोज बहुत कुछ जोडता रहता हूँ l
मैं फेसबुक को एक डायरी की तरह लिख रहा हूँ...
अपनी और अपनों से जुडी तस्वीरे और खट्टे मीठे अनुभव संजो कर रख रहा हूँ।
मेरा तो बस यही जवाब है फेसबुक को एक कैनवास की तरह इस्तेमाल करता हूँ...
बहुत सारी बातें और यादें है सब से साझा करना मुश्किल है।
कोशिश है अपने आप से रोजाना कुछ बात हो जाया करे,
बाद मैं यादें भी यादगार सी ही लगेंगी ..
बेतरतीब सी कई सौ ख्वाहिशे है ...वाजिब -गैरवाजिब कई सौ सवाल है....
एक आध कन्फेशन भी है ...सबको यहां जमा कर रहा हूं...
ताकि गुजरे वक़्त में " खुद की पहचान " करने में सहूलियत रहे।
कृष सुधांशु
मैं फेसबुक को एक डायरी की तरह लिख रहा हूँ...
अपनी और अपनों से जुडी तस्वीरे और खट्टे मीठे अनुभव संजो कर रख रहा हूँ।
मेरा तो बस यही जवाब है फेसबुक को एक कैनवास की तरह इस्तेमाल करता हूँ...
बहुत सारी बातें और यादें है सब से साझा करना मुश्किल है।
कोशिश है अपने आप से रोजाना कुछ बात हो जाया करे,
बाद मैं यादें भी यादगार सी ही लगेंगी ..
बेतरतीब सी कई सौ ख्वाहिशे है ...वाजिब -गैरवाजिब कई सौ सवाल है....
एक आध कन्फेशन भी है ...सबको यहां जमा कर रहा हूं...
ताकि गुजरे वक़्त में " खुद की पहचान " करने में सहूलियत रहे।
कृष सुधांशु
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