फेसबुक बड़ी अजीब जगह है.......और इससे भी अजीब है फेसबुक में मिलने वाले कमेंट्स. जब तक आप के लिखे पर आपको प्रसाद रूपी कमेंट्स नहीं मिलता है तब तक आपकी पूजा (शायरी, कविता, चुटकी ...लेख या जो कुछ भी है ) सफल नहीं होती है. आपने कुछ पोस्ट किया और फिर कमेंट्स के इंतज़ार में आप अपने प्राण सुखाते हैं ...और नोटिफिकेशन के कंप्यूटर स्क्रीन पर चमकते ही उछल पड़ते हैं ...और फिर कभी कभी तो निराशा हाथ लगती है कोई बी ग्रेड का कवि जिसने आपको टैग किया था कमेंट्स ले जाता है. इसका सबसे बेहतर उदहारण है गमगम की गुड मोर्निंग वाली स्टेटस जिसपे 50 कमेंट्स प्रति घंटे की रफ़्तार से आते हैं.
और कभी कभी तो आपको लगता है कमेंट्स पाने के लिए कमेंट्स करना भी जरुरी है ..इतनी शर्म तो सभी में होती है कि हमने आपकी रचना में बहुत खूब लिखा तो आप सुन्दर, अति सुन्दर या महा सुन्दर के रूप में कुछ कमेंट्स जवाब में हमें भी दे डालो.. जैसे कमेंट्स न हो खुजुली का कोई मंत्र हो ..तू मुझे खुजा मैं तुझे खुजाऊंगा. कभी कभी तो कई महाशय खानापूर्ति के लिए ही बिना पढ़े ही कमेंट्स मार डालते हैं. एक भाई ने अपनी वाल पर लिखा ...टांग टूट गई है हॉस्पिटल में हूँ...जवाब में कमेन्ट मिला ...बहुत खूब! लो ..कर लो बात......किसी ज़माने में कमेंट्स करने पर चप्पलों के रूप में प्रसाद मिलता था ....अब तो फेसबुक की महिलायें स्वयं आग्रह करती हैं ..कमेंट्स करो ..कमेंट्स करो. वैसे कसम खुदा कि कभी कभी तो किसी किसी का फोटो देखकर सचमुच दिल करता है कि ....कमेंट्स कर ही डालूं.
देखा जाए तो दुनिया में सारे फसाद की जड़ ही कमेंट्स हैं...महाभारत का सीरियल तो याद ही होगा आपको. अंधे का बेटा अंधा ...बड़ा फेमस कमेन्ट था ...अगर द्रोपदी दुर्योधन के ऊपर यह कमेन्ट न करती तो शायद महाभारत सीरियल ही न बनता. घर घर में लड़ाई की जड़ ही कमेंट्स हैं ....और अच्छे, टिकाऊ और बिकाऊ कमेंट्स के लिए सास-बहुओं वाले तमाम सीरियल्स रोज परोसे जाते हैं.. २४ घंटे वाले चेन्नलस भी नेताओं के इर्द-गिर्द भटकते हैं कमेंट्स की तलाश में ...कोई विवादस्पद कमेन्ट किसी नेता के श्री मुख से निकलता है और सड़कों से लेकर संसद तक में हंगामा होता रहता है ....फिर कमेंट्स के ऊपर कमेंट्स ....यहाँ तक कि कमेटियां तक बैठाई जाती हैं ...कि फलां नेता के कमेंट्स असली हैं या नहीं .. या मीडिया ने तोड़-मरोड़ के उनके कमेंट्स पर कुछ अलग ही कमेंट्स कर दिये. कभी सड़क पर हुए कमेंट्स पर संसद में हंगामा तो कभी संसद में हुए कमेंट्स पर सड़कों पर हंगामा. अब तो पुराने पुराने कमेंट्स विकिलिक्स पर भी लीक कर रहें हैं ....और नए विवादों को जन्म दे रहें हैं . इधर आजकल पब्लिसिटी के लिए सबसे बड़ा हथकंडा ही कमेंट्स है ...कहीं भी किसी पर भी कुछ उल्टा सीधा कमेंट कर दो और कैमरे की लाईट आपके चेहरे पर ......ट्विट्टर ....अजीब सी जगह यह भी है ...आजकल इसी के जरिये शब्दों की लड़ाई और खुन्नस निकाली जाती है ....जैसे चिड़िया बीट करके चली जाती है ..उसी तरह से बड़े लोग एक दो लाइन में ट्वीट करते हैं ...और फिर उनके कमेंट्स के अलग अलग अर्थ निकाले जाते हैं ...... जय हो !