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Saturday, September 3, 2011

मेरी टूटी फूटी शायरी 1

बारह दिन का अनशन !


अरे ! ये हुनर कोई उनको भी सिखा दे
जिनको रोटी मयस्सर नहीं

तभी लोग कहेंगे की देश के काम आये...

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