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Friday, April 26, 2013

ऐसा कभी ना करना


किसी गुमनाम शायर की गज़ल है...
अच्छी लगी शेयर कर रहा हूँ

तुम रुठ जाओ मुझसे, ऐसा कभी ना करना
मैं एक नज़र को तरसूं, ऐसा कभी ना करना
मैं पूछ पूछ हारूं... सौ सौ सवाल कर के
तुम कुछ जवाब ना दो, ऐसा कभी ना करना
मुझसे ही मिल के हसना, मुझसे ही मिल के रोना
मुझसे बिछड़ के जी लो, ऐसा कभी ना करना
तुम चाँद बन के रहना, मैं देखता रहूँगा
किसी रोज़ तुम ना निकलो, ऐसा कभी ना करना
तुम चले जाओ जब भी तो देखूं तुम्हारा रस्ता
तुम लौट के ना आओ... ऐसा कभी ना करना