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Friday, March 8, 2013

इतनी मिलती है मेरी कविताओं से सूरत तेरी...
लोग तुझ को मेरा महबूब समझते होंगे !!!

Krish Sudhanshu / कृष सुधांशु

छोटी-छोटी खुशियों से ज़िन्दगी बनती है...

छोटी-छोटी खुशियों से ज़िन्दगी बनती है...
जीवन में जो कुछ भी सबसे अच्छा है वह हमें मुफ्त में ही मिल जाता है. वह सब हमारे सामने नन्हे-नन्हे पलों में मामूली खुशियों के रूप में जाने-अनजाने आता रहता है. प्रकृति स्वयं उन क्षणों कों हमारी गोदी में डालती रहती है. अनेक क्षण देखते-देखते रोज़ आँखों से ओझल हो जाते हैं और हम व्यर्थ की बातों में खुशियों की तलाश करते रहते हैं.जो पल इस समय आपके हाथों में है वही पल आपके पास है. इसी पल में ज़िन्दगी है. इस पल कों जी लें. यह दोबारा लौटकर नहीं आएगा...

सुकून भरे सप्ताहांत कि उम्मीद में 
Krish Sudhanshu / कृष सुधांशु