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Friday, August 26, 2011

मैं नहीं हूँ अंडा

अंडा बजारे ने सरकार की नाक में डंडा कर रखा है. हर तरफ अंडा बज रहा है, टीवी में अंडा, ऑफिस में अंडा, घर में अंडा, स्कूल में अंडा, बस में अंडा, अंडे का अजब है फंडा. भला भ्रष्टाचार के बिना भी इस देश में कोई सरकार चल सकती है. सरकार चल भी जाए तो क्या ये देश बिना भ्रष्टाचार के चल भी सकता है. और अगर चल भी गया तो हमारी भ्रष्टाचार प्रिय जनता उसे कितने दिन तक चलने देगी? देश के प्यारे खादी धारियों इस टोपी वाले के झांसे में मत आना. आज इसने डिब्बे वालों की हड़ताल करवा दी है कल कहीं तुम्हारा डिब्बा ना गोल कर दे. तुम अपने ठोक पाल बिल पर ताल ठोक कर डटे रहो. अगर तुम्हारे ऊपर जनता वाला ठोक पाल बैठ गया तो तुम्हारी सात पुश्तें ठुक जायेंगी. प्रधानमन्त्री के ऊपर ठोक पाल का क्या मतलब है ..क्या छोनिया आंधी किसी ठोक पाल से कम हैं. ऐसे अंडे बहुत आये और चले गए. बाबा आम देव से खूब निबटे हो इसकी फ़ाइल भी खंगाल डालो कुछ तो लूप होल मिलेंगे. खबरिया चेनलों को बजने दो मौका अच्छा है एक एक कर बीमारी का बहाना कर के विदेश का टूर लगा लो और अपनी मेहनत की काली कमाई को ठिकाने लगा लो भैया...सुनहरा अवसर हाथ से जाने न पाए. देश की जनता आज अंडा के साथ है ....इसमें तुम्हारी गलती है. कटोरा भर के खाने वालों एक चम्मच भ्रष्टाचार में इनका भी तो हक़ है. कुछ मौके जनता को भी दो ...फिर देखो कमाल मुफ्त के चन्दन का. अच्छे अच्छे नंदन भी घिसने लगेंगे. मुफ्तखोरी भी अक्ल से होती है...वर्ना जेल में हवाखोरी की नौबत आ जाती है. ए खाजा और अलमारी की गलतियों से सबक लो ...आज कल स्टिंग वाले ब्लेकिये घूम रहे हैं....इनसे बचो. और हाँ बहुत हो गई मुफ्त की सलाह ..कुछ दान दक्षिणा हो जाए...मुझे भी क्या अंडा बजारे समझ लिया है ? ..............हैं ?

5 comments:

  1. its funny...good satire.

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  2. r u on a mission to make omlette out of that anda ...he.he

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  3. अफ़सोस तो इस बात का है की ये अंडा अन्दर से खोखला है. कोई फेविकोल जैसी वस्तु के विज्ञापन के इंतजार में है

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  4. मेरे प्यारे अंडे भाइयों एवं बहनों यहाँ पर लिखे गए सभी कथन हमारे अपने विचार हैं. इनका किसी पार्टी या किसी व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है.

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